इस रात की सुबह नही
टपकती
सी,
बूँद-बूँद
तरसाती
हुई
सी
रात
कई
हज़ार
लम्हो
से
जोड़ती
और
मिलाती
हुई
सी
रात
कभी
गुदगुदाती
तो
कभी
गुर-राती
हुई
सी
रात
मीठी
नींद
में
तुम्हें
थपकीयाँ
देती
तो
कभी,
खुली
आँखों
में
बीतती
हुई
सी
रात
इस
रात
की
सुबह
नही....!
पर,
इस
रात
से
लगाव
है
मुझे
:)
इस
रात
में
ही
तो,
वहाँ
उपर...मेरे
हज़ारों
दोस्त
खेलते
हुए
नज़र
आते
हैं
और
मेरा
'चाँद'
मुस्कुराता
हुआ
मुझे
'Miss ya' messages भेजता है!
इस
रात
की
सुबह
नही....
ये
रात
पूरा
और
संपूर्ण
है
!
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